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शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान (Action Research in Education)

शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान (Action Research in Education)

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 ➡️इसका सूत्रपात करने का श्रेय अमेरिका को है। वहाँ इस शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग कोलियर (Collier) द्वारा द्वितीय विश्वयुद्ध के समय किया गया था।


➡️प्रतिपादन 1953 में कोलम्बिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीफेन एम. कोरे ने किया। शिक्षा और में + स्टीफेन एम. कोरे की पुस्तक - विद्यालय की कार्य पद्धति में सुधार करने के लिए क्रिया अनुसंधान।


➡️क्रिया-अनुसंधान का अर्थ व परिभाषा


➡️क्रिया-अनुसंधान का सामान्य अर्थ है-विद्यालय से सम्बन्धित व्यक्तियों द्वारा अपनी और विद्यालयों की समस्याओं का वैज्ञानिक अध्ययन करके अपनी क्रियाओं और विद्यालय की गतिविधियों में सुधार करना।


परिभाषाएँ:


➡️कोरे - "शिक्षा में क्रिया - अनुसंधान, कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाने वाला अनुसंधान है ताकि वे अपने कार्यों में सुधार कर सकें।"


➡️गुड-"क्रिया-अनुसंधान शिक्षकों, निरीक्षकों और प्रशासकों द्वारा अपने निर्णयों और कार्यों की गुणात्मक उन्नति के लिए प्रयोग कियाजाने वाला अनुसंधान है।"


➡️मौले - शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान से अभिप्राय तात्कालिक समस्या के हल के लिए समस्या के समाधान से है।


➡️मैकग्रेथ व अन्य के अनुसार क्रियात्मक अनुसंधान संगठित खोज की क्रिया है जिसका उद्देश्य व्यक्ति विशेष या समूह की क्रिया में परिवर्तन तथा विकास करने के लिए अध्ययन करना व रचनात्मक सुझाव देना है।


विशेष :-


हिन्दी में कामता प्रसाद पांडे ने 1965 में शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान पुस्तक की रचना की। 

शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान का विकास 1926 से माना जाता है। 

जब बंकिघम ने पुस्तक "रिसर्च लिए इसकी आवश्यकता पर बल दिया।


1946 में लेविन ने सामाजिक सम्बन्धों की दिशा में सुधार के लिए क्रियात्मक अनुसंधान की प्रणाली पर बल दिया। राइट स्टोन ने क्रियात्मक अनुसंधान शब्द को आगे बढ़ाया।

क्रियात्मक अनुसंधान का सम्बन्ध शिक्षा के क्रियात्मक पक्ष से होता है।


 क्रिया-अनुसंधान के उद्देश्य व प्रयोजन (AIMS AND PURPOSES OF ACTION RESEARCH)


1 एण्डरसन (Anderson) के अनुसार-विद्यालय के वास्तविक वातावरण में शिक्षा के


2 सिद्धान्तों का परीक्षण करना। विद्यालय के संगठन और व्यवस्था में परिवर्तन करके सुधार करना।


3 विद्यालय की कार्य-पद्धति में प्रजातंत्रात्मक मूल्यों को अधिकतम स्थान देना।


4 विद्यालय की दैनिक समस्याओं का अध्ययन और समाधान करके उसकी प्रगति में योग देना। 


5. विद्यालय छात्रों, शिक्षकों आदि को उनके दोषों से अवगत कराकर उनकी उन्नति को सम्भव बनाना।


6 विद्यालय के पाठ्यक्रम का वास्तविक परिस्थितियों में अध्ययन करके उसको स्थानीय आवश्यकताओं के अनुकूल बनाना।


7. विद्यालय के प्रधानाचार्य, प्रबन्धक, निरीक्षक और अध्यापकों को अपने कर्तव्यों और उत्तरदायित्वों के प्रति जागरूक करना। 


8. विद्यालय से सम्बन्धित व्यक्तियों को अपनी समस्याओं का वैज्ञानिक अध्ययन करके अपनी विधियों को उत्तम बनाने का अवसर देना।


9. Best के अनुसार-शिक्षक की प्रगति, विचार-शक्ति, व्यावसायिक भावना और दूसरों के साथ मिलकर कार्य करने की योग्यता में वृद्धि करना। 


10. Best के अनुसार-विद्यालय की क्रियाओं की उन्नति करना।


क्रिया-अनुसंधान की विशेषताएँ

(CHARACTERISTICS OF ACTION RESEARCH)


एण्डरसन (Anderson) के अनुसार, क्रिया-अनुसंधान की प्रमुख विशेषताएँ दृष्टव्य हैं 


1 क्रिया-अनुसंधान, विद्यालय की वास्तविक परिस्थितियों का सामाजिक परिस्थितियों में किया जाता है। का ध्यान केवल एक परिस्थिति पर, न कि अनेक


2.क्रिया-अनुसंधान केन्द्रित रहता है।


3.परिस्थितियों पर क्रिया अनुसंधान का ध्यान सम्पूर्ण परिस्थिति पर, न कि उसके किसी विशेष अंग केन्द्रित रहता है।


4. क्रिया- अनुसंधान अन्य परिस्थितियों के सम्बन्ध में किसी प्रकार का सामान्यीकरण स्थापित नहीं करता है। 


5. क्रिया-अनुसंधान विभिन्न प्रकार की सामग्री और सूचनाओं को एकत्र करने के लिए साधनों का निर्माण करता है।


6. क्रिया-अनुसंधान करने वालों के मस्तिष्क में अपनी स्वयं की विधियों में सुधार करने का विचार सदैव विद्यमान रहता है। 


7. क्रिया-अनुसंधान के परिणामों को कार्यान्वित करने वाले व्यक्ति उसमें आरम्भ से अन्न तक सक्रिय भाग लेते हैं।


8 क्रिया अनुसंधान उस समय की प्रगति की मात्रा को निश्चित करने का प्रयास करता है, जिसके सम्बन्ध में वह अध्ययन करता है। 


9. क्रिया अनुसंधान में विद्यालय के शिक्षक, प्रशासक और निरीक्षक एवं कॉलेजों और

विश्वविद्यालयों के अध्यापक साधारणत: एक-दूसरे के सहयोग से कार्य करते हैं। 


10. क्रिया-अनुसंधान में विद्यालय के समय उद्देश्यों में परिवर्तन, नवीन उपकल्पनाओं (Hypotheses) का निर्माण और उनका परीक्षण किया जा सकता है। अन्त में, हम एण्डरसन के शब्दों में कह सकते हैं-"क्रिया-अनुसंधान की एक सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है-प्रेरणा, जो यह शिक्षकों, निरीक्षकों और प्रशासकों को परिणामों का अधिक आत्मनिष्ठ और आकस्मिक मूल्यांकन का त्याग करने और विचारों का परीक्षण करने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रमाणों का अधिक वस्तुनिष्ठ संग्रह करने के लिए देता है।"


 क्रिया-अनुसंधान का महत्व

(IMPORTANCE OF ACTION RESEARCH)


क्रिया अनुसंधान के महत्व के पक्ष में निम्नांकित तर्क प्रस्तुत किए जा सकते हैं 


1. यह विद्यालय की कार्य-प्रणाली में संशोधन और सुधार करता है।


2. यह विद्यालय में जनतंत्रात्मक मूल्यों की स्थापना पर बल देता है।


3. यह विद्यालय के यांत्रिक और परम्परागत वातावरण को समाप्त करने का प्रयत्न करता है।


4. यह विद्यालय के शिक्षकों और प्रधानाचार्य को अपने दैनिक अनुभवों को संगठित करने और उनसे लाभ उठाने के लिए प्रेरित करता है।


5. यह विद्यालय, प्रबन्धों, छात्रों, शिक्षकों, निरीक्षकों आदि की समस्याओं का व्यावहारिक समाधान करता है।


6. यह पाठ्यक्रम को समाज की मांगों, मूल्यों और मान्यताओं के अनुकूल बनाकर, विद्यालय को समाज का लघु रूप बनाने की चेष्टा करता है। 


7. यह छात्रीं की चतुर्मुखी उत्रति करने के लिए विद्यालय की क्रियाओं का प्रभावपूर्ण से आयोजन करता है। 


8. यह वैज्ञानिक आविष्कारों के कारण उत्पन्न होने वाली नई परिस्थितियों का सामना करने में सहायता देता है।


9. यह शिक्षकों में पारस्परिक प्रेम, सहयोग और सद्भावना की भावनाओं का विकास


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